Shivaji Maharaj Quotes in Hindi - Shivaji Maharaj Sayings in Hindi - Positive & Motivational Quotes of Shivaji Maharaj
छत्रपति शिवाजी महाराज भारत के महान योद्धा और अति कुशल प्रशासक थे। छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम शिवाजी भोंसले था, लोग आदर से उन्हे शिवाजी महाराज कहकर बुलाते थे। उनका नाम इतिहास में एक महान देशभक्त और वीर मराठा योद्धा के रूप में दर्ज है। आइए पढ़ते है Chhatrapati Shivaji Maharaj Inspiring Quotes in Hindi.
1. "एक वीर योद्धा हमेशा विद्वानों के सामने ही झुकता है।"
2. "कभी भी अपना सिर मत झुकाओ, हमेशा उसे ऊंचा रखो।"
3. "स्वतंत्रता एक वरदान है, जिसे पाने का अधिकारी हर कोई है।"
4. "जब हौसले बुलन्द हों तो पहाड़ भी एक मिट्टी का ढेर लगता है।"
4. "जब हौसले बुलन्द हों तो पहाड़ भी एक मिट्टी का ढेर लगता है।"
5. "स्त्री के सभी अधिकारों में सबसे महान अधिकार मां बनने का है।"
6. "एक छोटा कदम छोटे लक्ष्य के लिए, बाद में विशाल लक्ष्य भी हासिल करा देता है।"
7. "शत्रु को कमजोर न समझो। और न ही अत्यधिक बलवान समझ कर डरना चाहिए।"
8. "आप जहां कहीं भी रहते हैं आपको अपने पूर्वजों का इतिहास जरूर मालूम होना चाहिए।"
9. "जो व्यक्ति सिर्फ अपने देश और सत्य के सामने झुकता है। उसका आदर सभी जगह होता है।"
9. "जो व्यक्ति सिर्फ अपने देश और सत्य के सामने झुकता है। उसका आदर सभी जगह होता है।"
10. "जरुरी नहीं कि विपत्ति का सामना दुश्मन के सम्मुख से ही करने में वीरता हो। वीरता तो विजय में है।"
11. "जो व्यक्ति धर्म, सत्य, श्रेष्ठता और परमेश्वर के सामने झुकता है। उसका आदर समस्त संसार करता है।"
12. "जब लक्ष्य जीत का हो तो उसे हासिल करने के लिए कोई भी मूल्य क्यों न हो। उसे चुकाना ही पड़ता है।"
13. "भले ही हर किसी के हाथ में तलवार हो। लेकिन यह इच्छाशक्ति होती है जो एक सत्ता स्थापित करती है।"
11. "जो व्यक्ति धर्म, सत्य, श्रेष्ठता और परमेश्वर के सामने झुकता है। उसका आदर समस्त संसार करता है।"
12. "जब लक्ष्य जीत का हो तो उसे हासिल करने के लिए कोई भी मूल्य क्यों न हो। उसे चुकाना ही पड़ता है।"
13. "भले ही हर किसी के हाथ में तलवार हो। लेकिन यह इच्छाशक्ति होती है जो एक सत्ता स्थापित करती है।"
14. "अगर मनुष्य के पास आत्मबल है तो वो समस्त संसार पर अपने हौसले से विजय पताका लहरा सकता है।"
15. "एक पुरुषार्थी व्यक्ति भी एक तेजस्वी विद्वान के सामने झुकता है। क्योंकि पुरुषार्थ भी विद्या से ही आता है।"
16. "सर्वप्रथम राष्ट्र, फिर गुरु, फिर माता-पिता और फिर परमेश्वर। अतः पहले खुद को नहीं, राष्ट्र को देखना चाहिए।"
17. "शत्रु चाहे कितना ही बलवान क्यों न हो। उसे अपने इरादों और उत्साह मात्र से भी परास्त किया जा सकता है।"
18."यह जरूरी नहीं है कि गलती करके ही सीखा जाए। दूसरों की गलती से सीख लेते हुए भी सीखा जा सकता है।"
15. "एक पुरुषार्थी व्यक्ति भी एक तेजस्वी विद्वान के सामने झुकता है। क्योंकि पुरुषार्थ भी विद्या से ही आता है।"
16. "सर्वप्रथम राष्ट्र, फिर गुरु, फिर माता-पिता और फिर परमेश्वर। अतः पहले खुद को नहीं, राष्ट्र को देखना चाहिए।"
17. "शत्रु चाहे कितना ही बलवान क्यों न हो। उसे अपने इरादों और उत्साह मात्र से भी परास्त किया जा सकता है।"
18."यह जरूरी नहीं है कि गलती करके ही सीखा जाए। दूसरों की गलती से सीख लेते हुए भी सीखा जा सकता है।"
19. "एक सफल मनुष्य अपने कर्तव्य की पराकाष्ठा के लिए समुचित मानव जाति की चुनौती स्वीकार कर सकता है।"
20. "प्रतिशोध की भावना मनुष्य को जलाती रहती है। सिर्फ संयम ही प्रतिशोध को काबू करने का एक उपाय हो सकता है।"
21. "जो मनुष्य अपने बुरे वक्त में भी पूरी लगन से अपने कार्यों में लगा रहता है। उसके लिए समय खुद अच्छे समय में बदल जाता है।"
22. "इस जीवन मे सिर्फ अच्छे दिन की आशा नही रखनी चाहिए। क्योंकि दिन और रात की तरह अच्छे दिनों को भी बदलना पड़ता है।"
23. "इस दुनिया में प्रत्येक व्यक्ति को स्वतंत्र रहने का अधिकार है। और उस अधिकार को पाने के लिए वह किसी से भी लड़ सकता है।"
24."कोई भी कार्य करने से पहले उसका परिणाम सोच लेना हितकर होता है। क्योंकि हमारी आने वाली पीढ़ी उसी का अनुसरण करती है।"
25. "आत्मबल सामर्थ्य देता है और सामर्थ्य विद्या प्रदान करती है। तथा विद्या स्थिरता प्रदान करती है और स्थिरता विजय की तरफ ले जाती है।"
20. "प्रतिशोध की भावना मनुष्य को जलाती रहती है। सिर्फ संयम ही प्रतिशोध को काबू करने का एक उपाय हो सकता है।"
21. "जो मनुष्य अपने बुरे वक्त में भी पूरी लगन से अपने कार्यों में लगा रहता है। उसके लिए समय खुद अच्छे समय में बदल जाता है।"
22. "इस जीवन मे सिर्फ अच्छे दिन की आशा नही रखनी चाहिए। क्योंकि दिन और रात की तरह अच्छे दिनों को भी बदलना पड़ता है।"
23. "इस दुनिया में प्रत्येक व्यक्ति को स्वतंत्र रहने का अधिकार है। और उस अधिकार को पाने के लिए वह किसी से भी लड़ सकता है।"
24."कोई भी कार्य करने से पहले उसका परिणाम सोच लेना हितकर होता है। क्योंकि हमारी आने वाली पीढ़ी उसी का अनुसरण करती है।"
25. "आत्मबल सामर्थ्य देता है और सामर्थ्य विद्या प्रदान करती है। तथा विद्या स्थिरता प्रदान करती है और स्थिरता विजय की तरफ ले जाती है।"
हमें उम्मीद है दोस्तों आपने छत्रपति शिवाजी महाराज के इन कोट्स से बहुत कुछ सीखा होगा। आपको जो अनमोल वचन सबसे अच्छे लगे हैं वो हमें कॉमेंन्ट करके जरूर बताना।
आखिर तक पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
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